भोपाल, स्वामी प्रणवानंद सरस्वती भारतीय साहित्य न्यास के द्वारा पूर्व राज्यपाल स्व. डॉ महावीर के स्मरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत ममता गोस्वामी के द्वारा सरस्वती वंदना कर की गई. न्यास के सचिव डॉ रघुवीरप्रसाद गोस्वामी ने मंच संचालन करते हुए सभी अतिथियों का परिचय करवाया और डॉ महावीर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वे प्राचार्य ,शिक्षाविद और साहित्यकार थे और उन्होंने अनेक ग्रंथों की रचना की यह कार्यक्रम
महावीर को ही समर्पित है .
चर्चा का विषय था अपसंस्कृति और उससे मुक्ति के उपाय. डॉ महावीर के पूर्वजों के इतिहास का जिक़्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमें यह जानने के लिए 400 वर्ष पीछे जाना पड़ेगा. सन 1507 के
समय बाबा परक्षेप जो सिक्खों के पांच समूह के सेनानायक थे और उन्होंने मुग़लों के साथ साथ अंग्रेजों से भी लड़ाई लड़ी. उन्ही के परिवार के तीन भाई मतिदास,सतिदास और दया थे जो सिक्खों के नौवे गुरु तेगबहादुर के साथ कार्य करते थे द्य मतिदास गुरु तेगबहादुर के दीवान थे और इन्ही की बारहवी पीढ़ी के थे महावीर भाई महावीर के परिवार के सभी लोगों ने आजादी के बाद और आजादी के पहले भी देश में कई योगदान दिए. डॉ महावीर को समर्पित ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन लगातार होना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग उनके पूर्वजो और उनके व्यक्तित्व के बारे में भी जाने द्य खान-पान,रहन- सहन,विचार आदि जैसे रहेंगे वैसा ही व्यक्तित्व बनेगा.