भोपाल, जनजातीय संग्रहालय में शनिवार की शाम उत्कृष्ट फिल्मों के पुनरावलोकन की श्रृंखला ‘सिने आस्वाद’ के अन्तर्गत राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म ‘मंथन’ का प्रदर्शन किया गया. यह फिल्म 1976 में वरिष्ठ फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित की गई है, और इसका लेखन प्रख्यात नाटककर स्व. श्री विजय तेन्दुलकर ने किया था.
दुग्ध क्रान्ति पर बनी इस फि ल्म ने सहकारी आंदोलनों को एक नया उत्साह देने का काम किया. फिल्म में प्रमुख किरदारों में वरिष्ठ अभिनेता नसीरूद्दीन शाह, अमरीश पुरी, गिरीश कर्नाड तथा अभिनेत्री स्मिता पाटिल हैं. फिल्म में डॉ. राव की भूमिका में गिरीश कर्नाड एक पशु चिकित्सक हैं, जो गाँववासियों के कल्याण के लिए एक दूध सहकारी समिति का आरम्भ करने के उद्देश्य से इस गांव में आते हैं, परन्तु धनी व्यापारी मिश्रा जी (अमरीश पुरी) और सरपंच (कुलभूषण खरबंदा) इस बात से नाखुश हैं. फिल्म में दर्शाया गया है कि किस प्रकार डॉ राव अपने नेक इरादे में सफल होते हैं और इस काम में बिन्दू यानी स्मिता पाटिल तथा भोला (नसीरूदद्दीन शाह) इस काम में इनकी मदद करते हैं. इस ख्यातिप्राप्त फिल्म को देखने बड़ी संख्या में दर्शकों की उपस्थिति रही. फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदर्शनकाल में प्राप्त हुआ था.