भोपाल,उत्तराधिकार श्रंखला में मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय के सभागार में नृत्य और वादन की संध्याएँ संयोजित हुई. सबसे पहले युवा सरोद वादक आमीर खान और सेक्साफ ोन वादक प्रियंक कृष्ण ने जुगलबंदी के माध्यम में राग मारू बिहाग में आलाप जोर झाला मध्यलय और तीन ताल में निबद्ध स्वरहरियों के माध्यम से श्रोताओं को भावविभार किया. आपके साथ तबले पर असगर अहमद और राम खटसे ने संगत की. इसके पश्चात रायगढ़ घराने की ख्यात कथक नृत्यांगना सुश्री सुचित्रा हरमलकर और उनकी शिष्याओं द्वारा गणेश वंदना से नृत्य की शुरूआत की. इसके बाद उन्होंने ताल नर्तन विशेष रूप से राजा चक्रधर सिंह की बंदिशों के साथ कथक की भावपूर्ण कथ्याभिनय के माध्यम से दर्शकों को रूबरू कराया. प्रस्तति की निरंतरता में सुश्री हरमलकर द्वरा राग झपताल में निबद्ध पारंपरिक बंदिश मुख ललित, छवि ललित, लोचन कमल ललित, सुचित्रा ने प्रस्तुति का समापन पंचतत्वों के माध्यम से मंगल आराधना से किया. आपके साथ वैशाली बकोरे और मयंक स्वर्णकार की सधी हुई गायिकी तबले पर संगीता अग्निहोत्री और सितार पर स्मिता बाजपेयी ने भरीपूरी संगत की. इस अवसर पर भोपाल की ख्यात भरतनाट्यम कलाकार डॉ. लता सिंह मुंशी ने सभी कलाकारों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया. सभागार में बड़ी संख्या में कला प्रेमी दर्शक श्रोताओं की उपस्थिति रही.