नई दिल्ली, हाईकोर्ट जज सी एस करनन अवमानना मामले पर सोमवार को शीर्ष अदालत के सामने नहीं पहुंच सके. जिसके बाद उन्हें 10 मार्च को अगली सुनवाई पर आने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया गया है.
अदालत का कहना था कि उन्हें करनन के नहीं आने का कारण पता नहीं है,लिहाजा सुनवाई 10 मार्च तक के लिए बढ़ाई जाती है.
प्रधान न्यायाधीश जे.एस खेहर के साथ सात-सदस्यों की सविधान पीठ इसकी सुनवाई कर रही है. करनन द्वारा लिखे पत्र का संज्ञान लेकर कुछ सवालों का जवाब जानने के लिए उन्हें बुलाया है. इधर,सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने साफ किया कि अगर हाईकोर्ट जज का वकालतनामा लिए बगैर कोई वकील पेश होगा तो वह कार्रवाई से बच नहीं पाएगा. गौरतलब है, देश के एटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जस्टिस करनन की चि_ी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने अदालत से कहा है कि दलित होने से उनको निशाना बनाया जा रहा है.