भोपाल,आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में पकड़े गए युवकों के राजनीतिक संपर्कों की परतें खोलने के एटीएस ने प्रयास शुरु कर दिए हैं.
इससे जन्म दिन और अन्य स्वागत-सत्कार के मौकों पर जासूसों के साथ फोटो उतारने वाले नेताओं की नींद उड गई है.
सूत्रों ने कहा कि जिन तीन जासूसों के राजनीतिक संपर्को की बात खुली है,उनमें से एक -एक भोपाल,गवालियर,जबलपुर और सतना में नेताओं के साथ संपर्क में थे. क्योंकि इन तीनों की कनेक्टिविटी अभाविप के रास्ते भाजयुमो से जुड़ी हुई है. लिहाजा पूरी भाजपा में उन्हें प्रमोट करने वाले नेताओं की कुंडली खंगाली जा रही है.सूत्रों ने कहा कि हालांकि पुलिस कार्रवाई की आंच अब तक इन लोगों की संगठन में ताजपोशी की सिफारिश करने वाले नेताओं तक नहीं आई है,लेकिन पुलिस उन तक पहुंच सकती है. इसी लिए भाजपा सारे प्रकरण से स्तब्ध है. सूत्रों ने कहा कि पकडे गए तीनों नेताओं की सिफारिश जबलपुर के नेता की ओर से की गई थी.
उधर,एटीएस को बलराम ने सतना के कुछ डॉक्टरों के नाम बताएं हैं,जिनके खाते में विदेश से धन आया है.जिसके बाद एटीएस बलराम और दूसरे लोगों के बैंक खातों की पड़ताल कर रही है. इनके भी सतना में कु छ राजनीतिक संपर्कों की कहानी सुनाई जा रही है. एटीएस उसकी भी पड़ताल कर रही है. गौरतलब है कि भोपाल से पकड़े गए भाजयुमो के जिला संयोजक आईटी सेल ध्रुव सक्सेना एवं भाजयुमों के सक्रिय सदस्य मोहित अग्रवाल और मोबाईल और सिम डिस्ट्रीब्यूटर मनीष गांधी का नाम जबलपुर से आया था .जबकि ये सभी गवालियर के नता के साथ जुड़े बताए जा रहे हैं.उधर,पाकिस्तानी जासूस आयशा के भी जबलपुर से लिंक पता चले हैं.