भोपाल, मध्यप्रदेश की वन्य-प्राणी एसटीएफ ने कुख्यात अंतर्राष्ट्रीय वन्य-प्राणी तस्कर शमीम को उत्तर प्रदेश के कानपुर से और रघुवीर को गुना से गिरफ्तार कर नरसिंहगढ़ की अदालत में पेश किया है. वन विभाग ने प्रकरण की गंभीरता और शमीम तथा रघुवीर की पिछले वर्षों से वन्य-प्राणी अपराध में संलिप्तता देखते हुए अदालत से इनकी जमानत आवेदन निरस्त करने का अनुरोध किया है.
शमीम उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान के शिकारियों से बाघ, तेंदुए की खाल, पेंगोलिन के शल्क, वन्य-प्राणियों के बाल-नाखून आदि खरीदकर नेपाली एवं तिब्बती व्यापारियों को बेचता था.
एसटीएफ को शमीम और रघुवीर का सुराग गत 17 जनवरी को नरसिंहगढ़ तहसील के भीरूखेड़ी निवासी बद्रीलाल एवं मानसिंह से पूछताछ के दौरान मिला था. वन विभाग ने इनके पास से जीवित कोबरा एवं सेण्डबोआ साँप, बाघ-तेंदुआ पकडऩे के लोहे के फंदे, सियार का माँस, लकड़बग्घे की पूँछ के बाल आदि जप्त किये थे. पूछताछ में पता चला कि रघुवीर और शमीम इन आरोपियों से वन्य-प्राणी के बाल, पेंगोलिन के शल्क आदि खरीदते थे.
शमीम के पास से वर्ष 2001 में यूपी की एसटीएफ ने 24 तेंदुए और एक बाघ की खाल, बाघ के 10 नाखून और वर्ष 2004 में बाघ एवं तेंदुए के 456 नाखून जप्त किये थे. इसी प्रकार मध्यप्रदेश के वन विभाग ने रघुवीर के पास से वर्ष 1989 में 100 से अधिक तेंदुए-भालू आदि की खालें जप्त की थीं. राजस्थान पुलिस ने भी वर्ष 2005 में बाघों की खाल तस्करी मामले में रघुवीर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था.