मुसलमानों की राष्ट्रीयता भी हिंदू : मोहन भागवत

बैतूल, आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन राव भागवत ने बुधवार को कहा कि हिन्दुस्तान में रहने के कारण सबकी राष्ट्रीयता एक ही है यानि हिंदू. इसलिए भारत के मुसलमानों की राष्ट्रीयता भी हिंदू ही है.
उन्होंने अपनी बात के समर्थन में कहा कि जब जापान में रहने वाला जापानी,अमेरिका का निवासी अमेरिकन और जर्मनी का नागरिक जर्मन कहलाता है, तो उसी प्रकार हिंदुस्थान में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति हिंदू है. लोगों के पंथ-मत और पूजा पद्धति अलग-अलग हो सकती है, लेकिन भारत माता के प्रति आस्था रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति हिंदू है. वह बैतूल में विशाल हिंदू सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने इस मौके पर लोगों से 5 संकल्प लेने की अपील की है. कहा कि वे संकल्प ले की हम सब एक है और एक दूसरे के साथ भेदभाव का आचरण नहीं करेंगे. पर्यावरण संरक्षण और देश का गौरव बढ़ाने वाले काम करने का भी लोगों को संकल्प दिलाया. उन्होंने सामाजिक समरसता पर जोर देते हुए कहा कि हम हिन्दू समाज कहते हैं तब उसका अर्थ होता है, संगठित हिन्दू. यदि हममें किसी भी प्रकार का भेद और झगड़ा है, तब हम अस्वस्थ समाज हैं. इसलिए स्वस्थ रहने के लिए हमें संगठित रहना होगा, सभी प्रकार के भेद छोडऩे होंगे, विविधताओं का सम्मान करना होगा. यही आदर्श और उपदेश हमारे पूर्वजों के थे. हिन्दू संगठित होगा तब ही भारत विश्वगुरु बनेगा. उन्होंने कहा कि इस देश में जाति-पंथ के आधार पर कोई भेद नहीं था. यहाँ सबमें एक ही तत्व को देखा गया. सब एक ही राम के अंश हैं. उन्होंने कहा कि हमें एक होकर अपने समाज की सेवा करनी होगी. समाज के जो बंधु कमजोर हैं, पिछड़ गए हैं, हमारा दायित्व है कि उन्हें सबल और समर्थ बनाएं. हमें एक बार फिर से देने वाला समाज खड़ा करना है. सरसंघचालक डॉ. भागवत ने कहा कि बहुत वर्षों पहले अंग्रेजों ने हमें टूटा हुआ आईना पकड़ा दिया था. इस टूटे हुए आईने में हमें समाज में भेद दिखाई देते हैं. हमें अंग्रेजों के इस आईने को फेंकना होगा. उन्होंने बैतूल में हिंदू सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य बताया कि यह प्राचीन भारत का केंद्र बिंदू है. संगठित हिंदू समाज का संदेश यहाँ से सब जगह प्रभावी ढंग से जाएगा.
आध्यात्मिक गुरु सतपाल महाराज ने महिला सशक्तिकरण के लिए समस्त समाज से आह्वान किया. उन्होंने कहा कि संत समाज का यह दायित्व है कि आध्यात्मिक शक्ति के जागरण से पुन: इस देश में मातृशक्ति की प्रतिष्ठा को स्थापित करे. समाज को भी महिला सशक्तिकरण के लिए आगे आना होगा.
ये दिलाए संकल्प
1 समाज के कमजोर बंधुओं को समर्थ बनाने का प्रयास करूंगा.
2 अपने घर-परिसर में पर्यावरण की रक्षा करूंगा.
3 अपने घर में अपने जीवन के आचरण, महापुरुषों के प्रेरक प्रसंग अपने परिवार को सुनाकर भारत माता की आरती करूंगा.
4 अपने देश का नाम दुनिया में ऊंचा करने के लिए जीवन में सभी कार्य परिश्रम के साथ निष्ठा और प्रामाणिकता से करूंगा.
5 भेदभाव नहीं करूंगा, समाज को संगठित रखने का प्रयास करूंगा.

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