नई दिल्ली, ट्रंप सरकार द्वारा एच-1बी वीजा की शर्तों को सख्त करने के लिए अमेरिका की हाउस ऑफ रेप्रिजेंटटिव में बिल लाया गया है. जिससे अमेरिका में जॉब करने आने वाले प्रोफेशनल्स पर शिकंजा कसा जा सकेगा. इस पर भारत की चिंताओं से अमेरिका प्रशासन को अवगत कराया गया है.
नए बिल के बाद अमेरिका का वीजा पाना पहले से मुश्किल हो जाएगा. बिल पास हो गया तो इसका असर भारतीय आईटी प्रफेशनल्स पर भी पड़ेगा. इसके असर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिकी संसद में बिल पेश होते ही आईटी कंपनियों के शेयर गिर गए. हाउस ऑफ रेप्रिजेंटटिव में द हाई स्किल्ड इंटेग्रिटी ऐंड फेयरनेस ऐक्ट 2017 बिल पेश किया गया है. इसके तहत एच-1बी वीजा के लिए 1989 से चली आ रही न्यूनतम वेतन की सीमा को दोगुने से ज्यादा बढ़ाते हुए 1,30,000 अमेरिकी डॉलर करने का प्रस्ताव है. फिलहाल इसकी लिमिट 60,000 अमेरिकी डॉलर है. अगर बिल पास हुआ तो इस प्रावधान की वजह से कंपनियों को अमेरिकी कर्मचारियों की जगह भारत समेत दूसरे देशों से आने वाले प्रफेशनल्स को रखना कठिन हो जाएगा.