नई दिल्ली,आखिरकार मेघालय के राज्यपाल षणमुगनाथन को अपने पद से इस्तीफा देना ही पड़ गया. उन पर राजभवन को अय्याशी का अड्डा बना ड़ालने का लम्बे समय से आरोप लग रहा था. राष्ट्रपति प्रणव मुख्र्जी ने तत्काल उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है.
उन पर एक महिला ने आरोप लगाया था कि उन्होंने जबर्दस्ती उसे गले लगाया और चुंबन किया. उसने साक्षात्कार के बहाने राजभवन बुलाया गया था,जहां राज्यपाल रहते षणमुगनाथन ने उक्त कृत्य को अंजाम दिया था. इस घटना के बाद राजभवन के कर्मचारियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखते हुए राज्यपाल को हटाने का आग्रह किया गया था. उन पर राजभवन की गरिमा को नुकसान पहुंचाने का काम करने के सिलसिलेवार ब्यौरा दिया गया था. गौरतलब है 68 वर्षीय षणमुगनाथन मुलत: तमिलनाडु से थे. जो आरएसएस के कार्यकर्ता रहे हैं. उन्हें मई 2015 में राज्यपाल के पद का अहम दायित्व सौंपा गया था.