नई दिल्ली, गणतंत्र दिवस की परेड में 17 राज्यों और केंद्र के छह मंत्रालयों की झांकी देखने को मिलेगी. झांकियों में देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक-आर्थिक विकास से लेकर सूचना प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में राष्ट्र की प्रगति, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण जैसे प्रमुख विषय शामिल हैं.
ओडिशा की झांकी में राज्य में मनाये जाने वाले एक लोकप्रिय त्योहार डोला जात्रा को दर्शाया गया है. यह त्योहार भक्ति पंथ की परंपरा में देवी राधा और भगवान कृष्ण की यात्रा का प्रतीक है.
अरुणाचल प्रदेश की बौद्ध जनजातियों के महायान संप्रदाय का सबसे प्रसिद्ध स्वांग है. इस नृत्य में एक परिवार के नकाबपोश नर्तक एक जादुई पक्षी की मदद से एक याक की खोज करते हैं. महाराष्ट् की झांकी में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को दिखाया जाएगा. जिनकी 160 वीं जयंती के रूप में मनाया जा रहा है. उन्होंने गणेशोत्सव और शिव जयंती उत्सव का भी शुभारंभ किया था. इस वर्ष उनके द्वारा प्रारंभ किये गए गणेशोत्सव का 125वां वर्ष है। उन्होंने कहा था स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’,लाइ हरोबा मणिपुर के मेइती समुदाय द्वारा संरक्षित दुनिया के सबसे पुराने कर्मकांडों में से एक है. इस उत्सव को पूरे समुदाय के द्वारा अत्यंत श्रद्धा, पवित्रता और पूरी भक्ति के साथ मनाया जाता है.देवताओं की खुशी के रूप में मनाये जाने वाले लाइ हरोबा में देवताओं की पूजा करने से स्थानीय निवासियों को समृद्धि और भूमि का आर्शीवाद मिलता है. गुजरात
की झांकी में कच्छ की कला और जीवन शैली का प्रदर्शन किया जाएगा. संस्कृत में लक्षद्वीप अथवा लाक्षा द्वीप को एक लाख द्वीपों के रूप में परिभाषित किया गया है. जिसमें 36 द्वीप अरब सागर में फैले हुए हैं.
इधर,अपनी पारंपरिक कला और लोक नृत्य के लिए मशहूर, कर्नाटक राज्य इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड की झांकी में राज्य के पारंपरिक लोक नृत्य को प्रस्तुत कर रहा है. जबकि दिल्ली का मॉडल सरकारी विद्यालय
दिल्ली की झांकी में राष्ट्र में विद्यालय शिक्षा में परिवर्तन लाते हुए गुणवत्ता बढ़ाने की हाल की पहल का चित्रण है.
हिमाचल प्रदेश की झांकी में चंबा रूमाल का प्रदर्शन किया जा रहा है,जो हिमाचल प्रदेश के चंबा शहर में 18वीं सदी के दौरान उत्कर्ष पहाड़ी कला का बेहतरीन नमूना है.इधर,हरियाणा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर प्रस्तुति दे रहा है.पश्चिम बंगाल की झांकी में शरद उत्सव का प्रदर्शन किया गया है.पंजाब में जागो आइंया,तमिलनाडु
में काराकट्टम गोवा की संगीत विरासत सानगोड दो या दो से अधिक डोंगियों के संयोजन से बना एक बड़ा मंच है, उसका प्रदर्शन किया जाएगा. त्रिपुरा की होजागिरी जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में होने वाले शीतकालीन खेल
असम में कामाख्या मंदिर की झांकी का प्रदर्शन शामिल है.खादी भारत के अंतर्गत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की इस बार की झांकी खादी और ग्रामोद्योग आयोग पर आधारित है.