जयपुर,देश में कैशलैस संस्कृति को बढ़ावा देने से ये अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले कुछ सालों में तीन से चार साल में देश भर के एटीएम बेकार हो जाएंगे. देश में मोबाइल फोन से हो रहे बहुत अधिक लेनदेन की वजह से भी इस तरह की उम्मीद जगने लगी है.
हालांकि एैसे लोगों की भी कमी नहीं है जो ये मा रहे हैं कि इतने कम समय में ये संभव नहीं हो सकेगा. इसके लिए उनका तर्क आधारभूत ढांचे से जुड़ा हुआ है. जयपुर में चल रहे साहित्य महोत्सव के दौरान ‘ब्रेव न्यू वल्र्ड द वर्चुअल इकॉनमी एंड बिआंड’ पर हुई चर्चा में दिखा है. नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की ओर से ये कहा गया कि डिटिडल अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढऩे के लिए नोटबंदी आवश्यक थी जिससे अब लोग कैशलेस सिस्टम की ओर बढऩे लगे हैं.
इधर,हाल ही में सूचना और प्रौद्योगिकी सचिव नियुक्त बनी अरुणा सुंदरराजन ने केन्या का जिक्र करते हुए कहा कि केन्या में बैंक कम हैं और प्रौद्योगिकी भी कोई उल्लेखनीय स्थिति में नहीं है,उसके बावजूद 50 से 60 फीसदी लोग वित्तीय लेनदेन फोन पर ही कर रहे है.