भोपाल, जनजातीय संग्रहालय में उत्तराधिकार श्रृंखला में रविवार की शाम को इन्दौर की सुश्री सन्तोष देसाई का कथक एवं हारमनी ग्रुप के कलाकारों द्वारा आजादी के तराने की प्रस्तुति हुई.
कार्यक्रम की शुरूआत उमेश वीनस के निर्देशन में आज़ादी के तराने से हुई, जिसमें आज़ादी की लड़ाई के दौर के जब्तशुदा नज़मे, तराने और जेल में लिखी हुई अज्ञात रचनाओं को संगीतबद्ध कर प्रदेश के अन्य युवा कलाकारों द्वारा वन्ंदना प्रस्तुत किया गया. गायन में प्रमुख रचनाएँ- सर बांधे कफ नवा शहीदों की टोली निकली, धरा धसक भूधर फ ूटेंरों के छक्के छूटे, मेरे देश चित्र में तेरे कैसे रंग भरू आदि थी.
समारोह की दूसरी प्रस्तुति में इन्दौर से आई सुश्री संतोष देसाई एवं साथी कलाकारों ने शास्त्रीय कथक नृत्य का प्रदर्शन किया. नृत्य में अवन्तिका घराने की महाकाल वंदना, उड़ान, ठुमरी एवं श्रीकृष्ण के चरित्र आधारित नृत्य प्रस्तुत किया गया. पखावज पर पंडित श्रीधर व्यास, हारमोनियम पर पंडित चन्द्रशेखर व्यास, तबले पर शक्ति ना-र जी, खंजरी तथा परण पर मुस्कान नायिक एवं भूपेन्द्र निगम ने की। सुश्री देसाई के साथ नृत्यां-ना में समीक्षा पाटणकर एवं शची भट्ट रहीं.