नई दिल्ली, नोटबंदी के तकरीबन ढाई महीने बाद वित्त मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि 8 नवंबर से लेकर 30 दिसंबर के बीच नकली नोटों की रिकवरी नहीं हो पाई है. मंत्रालय ने साफ कहा कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज ऐंड कस्टम्स के दायरे में आने वाली एजेंसियों के सामने 50 दिनों में नकली नोटों की रिकवरी का एक भी प्रकरण नहीं आया. क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सरकार दोनों ही ने दावा कर रहे थे कि नोटबंदी से आतंक की फंडिंग में आ रहे नकली नोटों की रिकवरी हो सकेगी.पर संसद की समिति पीएसी को दिए स्पष्टीकरण में केंद्रीय बैंक ने यह मान लिया कि नए नोटों को प्रचलन में लाने का कदम से भारत सरकार और रिजर्व बैंक को नकली नोटों के कारोबार, आतंक को मिलने वाले वित्तीय पोषण और ब्लैक मनी पर लगाम लगाने का बहुत ही अच्छा मौका मिला
इधर, वित्त मंत्रालय ने नोटबंदी की सफलताएं गिनाते हुए कहा कि प्रत्यक्ष कर के नेट कलेक्शन में 12.01 प्रतिशत की, इनकम टैक्स कलेक्शन्स में 24.6 प्रतिशत की और अडवांस कलेक्शन में 14.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.