दावोस, देश की 58 फीसदी संपत्ति पर यहां की महज एक फीसदी आबादी का कब्जा है. यह आंकड़ा 50 प्रतिशत के वैश्विक आंकड़े से ज्यादा है. देश में लोगों की आय में असमानता की खाई किस तेजी से बढ़ रही है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ऑक्सफैम ने अपनी स्टडी का यह नतीजा तब पेश किया है जब वल्र्ड इकनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में शामिल होने दुनियाभर के दौलतमंद दावोस पहुंचनेवाले हैं. स्टडी में सामने आया है कि भारत के सिर्फ 57 महाधनवान लोगों के पास करीब 15 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है. इतनी ही राशि देश के उन 70 प्रतिशत लोगों के पास है जो आर्थिक हैसियत के हिसाब से निचले पायदान पर खड़े हैं. ऑक्सफैम की स्टडी में देश की कुल संपत्ति करीब 211 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है.
जबकि दुनिया की कुल संपत्ति करीब 17427 लाख करोड़ रुपये बताई गई है. दुनिया की इस संपत्ति में करीब 4500 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति महज 8 महाधनवानों के पास है. इस सूची में बिल गेट्स करीब 5 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ शीर्ष पर हैं. इस सूची मेंअमांसियो ऑर्तेगा (करीब 4.5 लाख करोड़ रुपये) दूसरे जबकि वॉरेन बफेट (करीब 4.14 लाख करोड़ रुपये) तीसरे नंबर पर हैं.
एन इकॉनमी फॉर 99 पर्सेंट के नाम से जारी इस स्टडी रिपोर्ट में ऑक्सफेम ने ह्यूमन इकॉनमी के निर्माण की वकालत की है जिससे हरेक व्यक्ति को फायदा होगा, ना कि मुभर सुविधासंपन्न लोगों को. रिपोर्ट कहती है कि साल 2015 से महाधनवान 1 प्रतिशत लोगों ने दुनिया के बाकी 99 प्रतिशत लोगों के बराबर की संपत्ति पर कब्जा कर रखा है.