नई दिल्ली, पिछले दो महीने की रस्साकशी के बाद आखिरकार सपा दो फोड़ हो ही गई. लेकिन अखिलेश यादव के लिए ये बड़ी खुशी का मौका रहा कि उनके द्वारा पालित-पोषित सपा का चुनाव चिन्ह साइकिल उन्हें पिता से चलते मतभेद के भी मिल गया.
अन्यथा ये कयास लगाए जा रहे थे कि पिता -पुत्र की लड़ाई में कहीं चुनाव आयोग इसे फ्रीज न कर दे. इस प्रकार वर्चस्व की लड़ाई में अखिलेश खेमे को जीत मिली है.
चुनाव आयोग ने फैसला किया कि पार्टी का नाम भी अखिलेश यादव को ही मिलेगा. इस बात की पूरा संभावना थी कि सोमवार को चुनाव आयोग यूपी के राजनीतिक परिवार की लड़ाई पर कोई बड़ा फैसला सुनाएगा. हालांकि मुलायम सिंह यादव पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि यह चुनाव आयोग पर है, लेकिन यह लड़ाई कोर्ट तक जाएगी. अब जबकि मुलायम चुनाव आयोग की अदालत में अपने बेटे से ही मुकदमा हार चुके हैं तो इसकी भी संभावना है कि उनका खेमा कोर्ट का रुख करे. वैसे सोमवार को ही अखिलेश खेमे ने एक ऐसा कदम उठाया जिससे लगने लगा था कि संभवत: उन्हीं के पक्ष में फैसला आए. दरअसल सोमवार को ही एसपी कार्यालय पर मुलायम सिंह यादव के नाम के ठीक नीचे अखिलेश यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष की नेमप्लेट लगा दी गई. चुनाव आयोग के इस फैसले से अब साफ हो गया है कि अखिलेश यादव साइकल के सिंबल के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. अब यह देखना मजेदार होगा कि अखिलेश
मुस्लिम विरोधी अखिलेश
उत्तर प्रदेश के सत्ताधारी परिवार में वर्चस्व की लड़ाई और तेज होती जा रही है. एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने आज राज्य के मुख्यमंत्री और अपने बेटे अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि मुस्लिमों के प्रति उनका दृष्टिकोण नकारात्मक है. उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश ने उनकी बात को तवज्जो नहीं दी तो वह उनके खिलाफ लड़ेंगे. एसपी मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह अखिलेश यादव पर हमलावर रहे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, मैंने हमेशा मुसलमानों के हितों की बात की है. जब मैंने एक मुस्लिम को प्रदेश का डीजीपी बनाने का फैसला किया. अखिलेश ने मुझसे 15 दिनों तक बात नहीं की. वह किसी मुस्लिम को इस पद पर नहीं चाहता था. इससे मुस्लिम विरोधी संदेश जाता है.मुलायम ने आरोप लगाया कि अखिलेश का मुस्लिमों के प्रति नजरिया नकारात्मक है और वह रामगोपाल के हाथों में खेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि रामगोपाल बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, अखिलेश रामगोपाल के इशारों पर काम कर रहे हैं. अगर वह नहीं सुनेंगे तो मैं उनके खिलाफ लड़ूंगा. मैं मुस्लिमों के लिए जिंदा रहूंगा और मरूंगा भी उन्ही के लिए. अगर बात मुस्लिमों के हितों की है तो मैं अखिलेश के खिलाफ भी लड़ूंगा.