इंदौर, गन्ना कम होने से इस साल शकर का उत्पादन कम होगा. फलस्वरूप शकर महंगी होना शुरू हो जाएगी. शकर की थोक कीमतें सात साल के उच्च स्तर पर पहुंची हैं. इस संकट की वजह उप्र और महाराष्ट् में उसके उत्पादन में आई कमी को माना जा रहा है. शकर के प्रमुख उत्पादक महाराष्ट्र में कीमतों ने 40 रुपये प्रति किलो के स्तर को छुआ है, इसके ऊपर केंद्र सरकार कार्रवाई कर सकती है। पिछली बार जनवरी 2010 में 40 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंचे थे. हालांकि, इतनी ज्यादा कीमत सिर्फ आठ दिनों तक ही रही थी.
केंद्र सरकार ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वह शकर की कीमतें 40 रुपये प्रति किलो से ऊपर नहीं चाहती. इसके दाम उस समय इस लेवल पर पहुंच गए थे, जब महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में ध्यानेश्वर सहकारी शक्कर कारखाने ने रु ग्रेड वाली शुगर बेची रु ग्रेड वाली शुगर का उत्पादन कम मात्रा में होता है.