इंदौर,गुजरात और मुंबई के बीच कल मंगलवार से रणजी का फाइनल खेला जाएगा. पहला खिताब जीतने की कवायद में लगे गुजरात को रिकार्ड 41 बार के चैम्पियन मुंबई से कड़ी चुनौती का सामना करना होगा. सेमीफाइनल में मुंबई ने तमिलनाडु को और गुजरात ने झारखंड को हराया था. मुंबई को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है लेकिन वह गुजरात की चुनौती को कतई नजरअंदाज नहीं कर सकता.
गुजरात जब 1950-51 में रणजी फाइनल में पहुंचा था तब पॉली उमरीगर उसके कप्तान थे. उसके बाद से गुजरात ने एक लंबा सफर तय किया और 66 साल बाद जाकर फाइनल में जगह बनाई. इसके मुकाबले मुम्बई की टीम 45 बार रणजी के फाइनल में पहुंची और 41 बार खिताब अपने नाम किया. आखिरी बार जब मुम्बई जब फाइनल में हारी तो वह वर्ष 1990-91 था और मुम्बई के कप्तान दिलीप वेंगसरकर दो रन की हार के बाद रो पड़े थे.
पार्थिव पटेल की अगुवाई वाली गुजरात की टीम को हालांकि इस मैच में अपने शीर्ष तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के बिना उतना होगा जो राष्ट्रीय टीम के साथ व्यस्त हैं. बुमराह ने सेमीफइनल में झारखण्ड के खिलाफ दूसरी पारी में छह विकेट लेकर मैच विजयी प्रदर्शन किया था.