भोपाल,निजी कॉलेजों के संचालक अब आसानी से कॉलेज का नाम नहीं बदल सकेेंगे. कॉलेज संचालकों को नाम में बदलाव के लिए बकायदा 50 रूपए के नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पर शपथ पत्र देना होगा. साथ ही परिवर्तन होने की दशा में कॉलेज संचालकों को समस्त पत्र व्यवहार में महाविद्यालय के पूर्व के नाम का भी उल्लेख करना होगा.
आयुक्त उच्च शिक्षा संचालनालय से मिली जानकारी के मुताबिक गत वर्ष में कई महाविद्यालयों का नाम बदलवाने के लिए प्रबंधन द्वारा आवेदन किया गया. जब इस मामले में ध्यान दिया गया तो सामने आया कि न्यायालीन प्रकरण, सामूहिक नकल, अनैतिक गतिविधियों एवं अन्य कोई प्रकरण दर्ज होने की वजह से मूल्य तथ्यों को छुपाकर महाविद्यालय के नाम में परिवर्तन हेतु आवेदन किया गया है. यह भी सामने आया कि नाम बदलने के बाद पूर्व नाम से प्रचलित उक्त प्रकरणों में जिम्मेदारी से बचने के लिए अधिकांशत आवेदन किए गए हैं. आयुक्त कार्यालय की ओर से जो प्रारूप जारी किया गया है, उसमें पंजीकृत समिति के अध्यक्ष व सचिव को संयुक्त रूप से जानकारी देना होगी. महाविद्यालय के शुरू होने की जानकारी के साथ यह बताना होगा कि आखिर क्या कारण हैं जिसकी वजह से कॉलेज का नाम परिवर्तन किया जा रहा है. शपथ पत्र में इसका भी उल्लेख करना होगा कि वर्तमान में संचालित महाविद्यालय के विरूद्व कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है. यदि कोई प्रकरण सामने आता है तो महाविद्यालय की मान्यता समाप्त करने विभाग स्वतंत्र होगा.
महाविद्यालय का नाम परिवर्तन करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. प्रकरणों से बचने के लिए नाम बदलवाने की जानकारी सामने आई है. शपथ पत्र में जानकारी देने के बाद ही नाम बदले जाएंगे.
एमबी ओझा , आयुक्त उच्च शिक्षा