रांची, झारखंड़ की लालमटिया कोयला खदान हादसे में 9 मजदूरों के शव अब तक निकाले जा चुके हैं. यहां खनन का कार्यकरने वाले वाहन और मशीनों को भी निकाला का काम किया जा रहा है.
हादसे में मृत मिले मजदूरों के अलावा अब तक सात मशीन-वाहनों को भी निकाला गया है.अब तक सात ट्रिपर और तीन एक्सक्लेटर भी निकले हैं. ट्रिपर और एक्सक्लेटर ही वे लोग ड्राइव कर रहे थे, जिनकी मौत हुई है. दुर्घटना गुरुवार की शाम करीब 7.10 बजे हुई थी.
इस बीच झारखंड़ की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और पुलिस महानिदेशक डीके पांडेय से फोन पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बातचीत की और बचाव कार्य तेज करने का आदेश दिया. दोपहर बाद ये दोनों अधिकारी घटना स्थल पर पहुच कर बचाव कार्यों का निरीक्षण कर रहे थे.
उधर,ईस्टर्न कोल्ड फील्ड लिमिटेड के तकनीकी निदेशक बीएन शुक्ला ने कहा कि अब तक आठ शव निकाले गए हैं. खदान ढाई सौ वर्ग मीटर क्षेत्र में धंसी है.इधर, पीएम और सीएम ने हादसे पर दुख जताते हुए पीडि़त परिवारों के साथ संवेदना जताई है. मुख्यमंत्री स्वयं मामले पर नजऱ बनाये हुए हैं। कोयला और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वो खुद खदान हादसे पर नजर बनाए हुए हैं. हादसे की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं.
क्या है घटनाक्रम
बीती रात 8 बजे हुए इस हादसे में करीब 35 डम्पर और 100 के करीब मजदूर फंस गए थे. इस भूधंसान होने से बिजली के खंभे भी ध्वस्त हो गए थे, जिससे चारों ओर अंधेरा फैला था. वास्तविक राहत व बचाव सुबह नौ बजे के बाद ही शुरू हो सका है. मरने वालों में नागेश्वर पासवान, बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है. पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारी वहां कैम्प कर रहे हैं. पश्चिमबंगाल से भी राहत व बचाव की टीम पहुंची है. यह खदान गोड्डा जिले के लालमटिया में स्थित है.इधर, सीआइएसएफ के अधिकारियों का कहना है कि ड्यूटी पर तैनात संतरी सुरक्षित है.
सीएमडी ईसीएल और डब्ल्यूसीएल राजीव रंजन मिश्रा ने बताया कि रूल्स के हिसाब से 1 व्यक्ति प्रति उपकरण अंदर जाता है. इसलिए 2 डम्पर घटना के समय मौजूद है तो अंदाजे के मुताबिक फंसे लोगों की संख्या 7 से कम होगी.